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कोरोना ने सच्चाई का पता बता डाला

घर उजाड़ कर किसी ने अपना पुराना कर्ज चुकाया लोगों को अस्पताल छोर किसी ने अपना कार खरीद लाया छोर चुके थे आशा, तब किसी ने छिपी दवा को निकाला सांस की थी जरुरत जिनको, उनसे अपना मौका बना डाला और, आज कुछ इंसानों ने अपना असली चेहरा दिखा डाला

सलीका से समझ तक

दुजा मुल्क कहते हैं हममें बात का सलीका नहीं है  तो जिनमें असल सालिका है वो बात कहा करते हैं  खुद के घर को सजाते और बढ़ाते हैं  वो लोग सजाते बढ़ाते घर को ही आग लगा देते हैं  जगाने वाले तो सो गए, मुर्दा बनाने वाले क्यों जागने लगते हैं सवेरा इनकी ज़िन्दगी में आता नहीं और दूसरों के दिये बुझाने लगते हैं ना जाने कब सवेरा कहते कहते रात ले आते हैं  घर की मां ही तो जन्नत है ये क्यों नहीं समझ पाते हैं

ज़रा वो पिंजरा खोल के तो देखो

नियमों-कर्मो से बंध गया है ये समाज, ज़रा इन नियमों को तोड़ के तो देखो दो पंछी पिंजरे में कितने सुंदर लगते हैं, ज़रा वो पिंजरा खोल के तो देखो  लोगों की सोच बंध चुकी है खुद की सोच से, ज़रा वो सोच हटा के तो देखो

काली पट्टी चढ़ी है सबके उपर

धर्म की काली पट्टी चढ़ी है सबके उपर कोई मजहब नहीं बोलता, मेरे लिए तू कत्ल कर क्या पुजारी क्या मोहम्मद, मानवता है सबके उपर क्या बनाएगा पहचान तू इस दुनिया में,  इंसान ही है तो तेरी असली पहचान

ज़रा दिल लगा के तो देख ले

ज़रा दिल लगा के तो देख ले  ज़रा दिल मिला के तो देख ले  कब तक खेलेगा तू दिमाग का खेल कभी दो दिलों को जोड़ के तो देख ले कुर्सी पाने को तो सब लगे हैं ज़रा कुर्सी बनाने वालों को देख ले चारों तरफ़ बस आग ही आग है  बीच के समुंद्र को तो देख ले..

ज़रा चिंता कर लो

 अपनी चिंता करते करते  अपनों को खराब मान लिए ज़रा दूसरों की चिंता कर लो क्या पता अपने अच्छे हो जाए

तिनकों के ढ़ेर का इंतजार है

 दुश्मन हो गया है ये कलयुग प्यारी सी रौशनी का इंतज़ार है आज तेरे अपने भी नहीं चाहते तेरे शरीर को तिनकों के ढ़ेर का इंतजार है कभी समुंद्र बन, तो कभी सागर * किसी को मिट्ठे पानी का इंतज़ार है प्रकृति की चोट भी कम पड़ी इस दुनिया को एक बड़े तबाही का इंतज़ार है *( धर्म का जंजाल समुंद्र या सागर के खारे पानी जैसा है, मानवता किसी मीठे पानी जैसा है)

ज़रा कोई मेरी भी तो सुन लेते कभी

किसी को ख़ुद से ज़्यादा चाहना गुनाह होता है दिल टूटने को और शरीर छूटने को लगता है अजय था मैं इस पूरी दुनिया में किसी का दिल तोड़ने में कितना समय ही लगता है क्या हालात थे मेरे और क्या वज़ह थी मेरी ये तो कोई नहीं जानता है मेरी कारनामों के क़िस्से अभी दुनिया भर में सुनाया जाता है ज़रा कोई मेरी भी तो सुन लेते कभी।

शब्दों का खिलाड़ी

आज शब्दों के आंसु निकाल पड़े होंगे, कविताओं की पंक्तियां बिखर गई होंगी, और आज छंद भी मुरझा गए होंगे, शब्दों की शरारत करने वाले रुकसत हो गए पंक्तियां सजाने वाले ना रहे छन्दो को खिलखिलाने वाले चले गए "बुलाती है मगर जाने का नहीं"  🙏🙏🙏

मदद

मदद करनी है तो करो समय का भी ख्याल रखो वरना सहानुभूति बन जयेगी

आनज के दाने का स्वाद

तुम जो ये सब उपकरण लाए हो समझ नहीं आता हमें, हमें तो समझ आता है बस वो अनाज के दाने का स्वाद उन खेतों की हरियाली घर की खुशहाली.. एक कर्ज जैसे दानव ने लगा दी आग, मातम में बदल गई हमारी खुशहाली बंजर पड़ गए हमारी हरियाली क्यों होता है ये हमारे साथ क्यों कुछ करता नहीं समाज, मजबूर तो हमारे ये हालात हैं, और कसूरवार तो ये पूरा समाज है ~किसान

क्या करोगे इस कुर्सी का

क्या करोगे इस कुर्सी का? कुर्सी ही तो सब कुछ है क्या करोगे इस सत्ता का? सत्ता भी तो सब कुछ है क्या करोगे इस देश का? हमसे ही तो देश है

जज़्बात कैसे बाय्यां करू

इस जज़्बात को कैसे बयां करू सब कुछ छूटा, सब कुछ टूटा तेरे इस्क की गहराइयों को जाना तेरे जज्बातों को पहचाना तेरे दिल के धड़कनों को माना इस जज़्बात को कैसे बयां करू..

I'm not angry, I am in pain

बहुत बातें बतानी थी तुमको बहुत चीज़े जाननी थी तुमको क्यों चुना था मैंने ये रास्ता क्यों तोड़ दिया हमने वास्ता तुमको तो पता भी ना था दर्द और गुस्सा अलग था Based on - "I am not angry, I am in pain"

तुम जो आंसु लेकर

तुम जो आंसु लेकर आते हो, उसकी कीमत पूछने वाले तुम कौन होते हो, तेरे आंखों की गहराई हूं मैं तेरे साये की परछाई हूं मैं तेरे आंसु क्या जाने इस गहराई को, जिनको काज़ल ही धोखा दिया करते हैं..

अरमान

अरमान बरकरार रहे ऐसी ज़िन्दगी नहीं होती और अरमान पूरे हो जाए ऐसी मौत नहीं होती चाहे मुकदर कितना भी रोके तुझे ऐसी तेरी शख्सियत नहीं होती

ऐसे नाकामियों को

ऐसे नाकामियों को छोड़ा नहीं करते दूसरो की रुष्वयिओ को लिया नहीं करते माना कि तुममें हुनर है तो ऐसे बाज़ार में प्रदर्शन नहीं किया करते दूसरो के दुनिया की सोचने वालो ऐसे आशियां उजाड़ा नहीं करते

मुशाफिर बनने को

कितने रास्ते छोर दिए आपने मेरे साथ रहने को, ना जाने कितने रास्ते बदले होंगे मैंने, एक तेरी राह का मुशाफिर् बनने को चला गया वक्त ये छोड़ने बदलने का, जब राह ही दोनों के बदल गए हो

नैन शरारत करते हैं

तेरे चेहरे की ये मुस्कुराहट तेरे होंठो की ये लाली तेरे घने रंगीले बाल तेरी ये चाल, कमाल, बवाल तेरा यूं इठलाना, बलखाना, शर्माना सब ज़बरदस्त लगते हैं  ना जाने तेरे ये नैन शरारत करते हैं

तुम अगर

तुम अगर साजिशें करोगे हमसे दूर जाने की उतने ही पास आता रहूंगा मैं तुम लाख़ कोशिश कर लो मेरा दिल तोड़ने की उतना ही तुमसे दिल लगाता रहूंगा मैं चाहे दुनिया से ही क्यों ना रुष्वाई कर लो उस दुनिया में भी चला जाऊंगा मैं अगर एक दिन पास आ गई मेरे तो इस दिल से कहीं जाने नहीं दूंगा मैं