शब्दों का खिलाड़ी Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps - August 11, 2020 आज शब्दों के आंसु निकाल पड़े होंगे,कविताओं की पंक्तियां बिखर गई होंगी,और आज छंद भी मुरझा गए होंगे,शब्दों की शरारत करने वाले रुकसत हो गएपंक्तियां सजाने वाले ना रहेछन्दो को खिलखिलाने वाले चले गए"बुलाती है मगर जाने का नहीं" 🙏🙏🙏 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
मुखौटे का खेल - July 11, 2020 रात की चांदनी भी मुखौटा पहनती है, बादलों की शरारत पे ध्यान ना दो सूरज भी अंधकार कर देता है चांद को दोष ना दो ये दुनिया ही बनावटी है, ऊपर वाले को दोष ना दो Read more
ज़रा चिंता कर लो - October 05, 2020 अपनी चिंता करते करते अपनों को खराब मान लिए ज़रा दूसरों की चिंता कर लो क्या पता अपने अच्छे हो जाए Read more
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