शब्दों का खिलाड़ी
आज शब्दों के आंसु निकाल पड़े होंगे,
कविताओं की पंक्तियां बिखर गई होंगी,
और आज छंद भी मुरझा गए होंगे,
शब्दों की शरारत करने वाले रुकसत हो गए
पंक्तियां सजाने वाले ना रहे
छन्दो को खिलखिलाने वाले चले गए
"बुलाती है मगर जाने का नहीं"
🙏🙏🙏
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