ज़िन्दगी और तस्वीर..

ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी,
फर्क तो सिर्फ रंगों का है,
मचहे रंगों से बने तो तस्वीर और अनचाहे रंगों से बने तो तकदीर

Comments

Popular posts from this blog

मुखौटे का खेल

शब्दों का खिलाड़ी