Chithi...

अरे! चिठ्ठियां क्या थीं बगावत, मोहोबत, प्यार, स्नेह, निमंत्रण और माफ़ी था
मां की चिठ्ठी आयी है रुलाने के लिए एक वाक्य ही काफी था
समय बदला, चिठ्ठी का अंदाज़ बदला लेकिन
वो प्यार, स्नेह, मोहोबत , बगावत, निमंत्रण और माफ़ी नहीं बदला

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